ଚର୍ଚ୍ଚର କଳାକାରନାମା

 

ईसाई संगठन ‘चर्च ऑफ़ नॉर्थ इंडिया’का FCRA लाइसेंस रद्द, ₹10000 करोड घोटाले में आया था नाम

4500 चर्च था नियंत्रण, अब नहीं मिलेगा विदेशी फंड

केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने देश के बड़े ईसाई संगठन ‘चर्च ऑफ़ नॉर्थ इंडिया’ (CNI) एनजीओ का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया है। अब यह संगठन विदेशी चंदा नहीं ले सकेगा। यह ईसाई संगठन पिछले पाँच दशक से भारत में ईसाइयत को फैलाने का काम कर रहा है।

इस ईसाई संगठन को अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा समेत यूरोप और दुनिया के अन्य हिस्सों से भी बड़ी मात्रा में चंदा मिलता है। अब इस ‘चर्च ऑफ नार्थ इंडिया’ का विदेशी चंदा लेने का लाइसेंस केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रद्द कर दिया है, यह खबर अंग्रेजी समाचार वेबसाइट ‘इकॉनोमिक टाइम्स’ ने दी है। गृह मंत्रालय विदेशी चंदे के नियमों का उल्लंघन करने पर ये कार्रवाई करता है।

‘चर्च ऑफ़ नॉर्थ इंडिया’ को वर्ष १९७० में ६ अलग-अलग संगठनों को मिलाकर बनाया गया था। इसके अंतर्गत चर्च ऑफ़ इंडिया, पाकिस्तान, बर्मा (म्यांमार), सीलोन (श्रीलंका) के तथा कुछ अन्य ईसाई संगठनों को मिलाकर बनाया गया था। यह उत्तर भारत में चर्च का नियन्त्रण करने वाली संस्था है।

इस संस्था का दावा है कि २२ लाख लोग इसके सदस्य हैं। इसके अलावा यह भारत के २८ क्षेत्रों में अपने बिशप रखता है जो कि वहाँ के चर्च पर नियंत्रण रखते हैं। इसके अलावा ‘चर्च ऑफ़ नॉर्थ इंडिया’ का दावा है कि इसके पास २२०० से अधिक पादरी हैं और ४५०० से अधिक चर्च इसके नियन्त्रण में हैं।

‘चर्च ऑफ़ नॉर्थ इंडिया’ के अंतर्गत ५६४ स्कूल और कॉलेज तथा ६० नर्सिंग एवं मेडिकल कॉलेज चलते हैं। ऐसा इसकी वेबसाइट बताती है। देश में प्रसिद्ध लखनऊ का लॉ मार्टिनियर कॉलेज भी इसी के अंतर्गत है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे प्रदेशों में स्थित कई मिशनरी स्कूल भी इसके अंतर्गत आते हैं।

CNI के कुछ पादरियों पर वर्ष २०१९ में ₹१०,००० करोड़ के जमीन घोटाले का आरोप लगा था। इस मामले में संगठन के कुछ पादरियों ने अपने ही साथियों पर आरोप लगाया था कि उन्होंने कागजों में गड़बड़ी करके सैकड़ों एकड़ जमीन बेच दी। बीते कुछ समय में ऐसे कई NGO के लाइसेंस रद्द किए गए हैं जो कि विदेशों से फंड लेकर यहाँ गड़बड़ियाँ फैला रहे थे। यह NGO विदेशों से लिए गए पैसों का स्पष्ट हिसाब भी नहीं रख रहे थे। इनमें ऑक्सफैम, सेंटर फॉर पालिसी रिसर्च और राजीव गाँधी फाउंडेशन जैसे कुछ NGO शामिल रहे हैं।

राज्यसभा में दिसम्बर २०२२ में दी गई एक जानकारी के अनुसार, वर्ष २०१८ से लेकर वर्ष २०२२ के बीच में गृह मंत्रालय ने 6677 NGO के विदेशी चंदा लेने के लाइसेंस खत्म किए हैं। यह सभी विदेशी चंदा लेकर गड़बड़ी करने के दोषी पाए गए थे। ऑपइंडिया ने ‘चर्च ऑफ़ नॉर्थ इंडिया’ की वेबसाइट पर दिए गए नम्बर पर सम्पर्क किया तो जवाब आया कि उन्हें अभी इस विषय में कोई जानकारी नहीं है। वह मामले की जानकारी ले कर आगे बताएँगे।

ଚର୍ଚ୍ଚରେ ଶିଶୁକୁ  ଯୌନ ଶୋଷଣ-ମାସକରେ 214 ଅଭିଯୋଗ






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7-10-21

ଚର୍ଚ୍ଚରେ ଯୌନ ଉତ୍ପୀଡନ
  फ्रांस की तरह, चर्च के कारनामों की जांच के लिए भारत में भी बने जांच आयोग – डॉ सुरेन्द्र जैन
https://vskodisha.com/like-france-a-commission-of-inquiry-was-set-up-in-india-to-investigate-the-deeds-of-the-church-dr-surendra-jain/
Like France, Commission of Inquiry be set up to enquire into the misdeeds of the Church in Bharat – Dr. Surendra Jain
https://vskodisha.com/like-france-commission-of-inquiry-be-set-up-to-enquire-into-the-misdeeds-of-the-church-in-bharat-dr-surendra-jain/
ଚର୍ଚର କଳାକାରନାମା ଉପରେ ଫ୍ରାନ୍ସ ଭଳି ଭାରତରେ ମଧ୍ୟ ଗଠନ ହେଉ ଜାଂଚ କମିଶନ - ଭିଏଚପି, ଶୁଣନ୍ତୁ କଣ କହୁଛନ୍ତି ଡ. ସୁରେନ୍ଦ୍ର ଜୈନ
https://theindependence.in/VHP-demands-Commission-to-probe-the-misdeed-of-Church
ଫ୍ରାନସରେ 3,30,000ଶିଶୁ ଚର୍ଚ୍ଚ ର  ଯୌନ ଉତ୍ପୀଡନର ଶିକାର
https://sambadepaper.com/imageview_39867_184823_4_71_07-10-2021_21_i_1_sf.html


6-10-21


ପାଦ୍ରୀଙ୍କ ଦୁଷକର୍ମ
Nuns used crucifixes to rape girls during decades of abuse carried out by clergy in France's Catholic Church that saw attacks on 330,000 children covered up 'by a veil of silence', damning report finds

बच्चियों के साथ ईसा मसीह वाले क्रॉस से रेप, बच्चों को सेक्स के लिए मजबूर: चर्च में नन-पादरियों ने किया 3 लाख+ यौन शोषण

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