ମିଶନାରୀ ବିଦ୍ୟାଳୟରେ ବିଦ୍ୟାର୍ଥୀଙ୍କୁ ନିର୍ଯ୍ୟାତନା
मिशनरी विद्यालय में ‘भारत माता की जय’ बोलने पर 8 छात्रों को सजा, 7 दिन के लिए किया निलंबित
राजस्थान के बारां जिले के अंता में स्थित इमैनुएल विद्यालय ने ८ छात्रों को केवल इसलिए निलंबित कर दिया, क्योंकि उन्होंने ‘भारत माता की जय’ कहा था। स्थानीय भाजपा नेताओं ने इसे तुगलकी फरमान बताते हुए विरोध दर्ज कराया है। उनका कहना है कि छात्रों को ‘भारत माता की जय’ कहने से रोका गया और एक सप्ताह के लिए ८ छात्रों को निलंबित किया गया। इसके विरोध में परिजनों ने विद्यालय पहुँच कर विरोध प्रदर्शन किया।
अंता के नव-निर्वाचित भाजपा विधायक कंवर लाल मीणा ने भी विद्यालय प्रबंधन को फोन कर के कहा है कि वो छात्रों का निलंबन वापस ले। MLA ने पूछा कि आखिर ‘भारत माता की जय’ कहने से छात्रों को क्यों रोका गया? असल में बुधवार (६ दिसंबर, २०२३) को ‘श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना’ के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या की निंदा करते हुए एक जुलूस निकाला गया था। साथ ही विरोध प्रदर्शन भी चल रहा था, जो विद्यालय के पास पहुँचा तो छात्रों ने भी समर्थन में नारेबाजी की।
इन छात्रों में शरद सोनी, कार्तिक मीणा, सौरभ मालव, तक्षित मालव, प्रेम गुर्जर, यथार्थ कुमावत, जतिन और हर्षित नागर शामिल थे। ये सभी कक्षा ९ में पढ़ते हैं। इन्होंने बाहर आकर ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। इसके बाद विद्यालय प्रशासन ने नियमों के उल्लंघन की बात करते हुए इन्हें नोटिस जारी कर दिया। अभिभावकों को भेजे गए पत्र में कहा गया कि कई बार समझाने के बावजूद छात्र नहीं माने, छात्रों का उचित मार्गदर्शन करें ताकि वो विद्यालय में कोई अनुचित कार्य न करें।
परिजन जब बात करने पहुंचे तो विद्यालय प्रशासन ने उनकी एक न सुनी। भाजपा कार्यकर्ताओं की माँग है कि ‘इमैनुएल मिशन विद्यालय’ को मिली मान्यता रद्द की जाए। बाराँ के जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) को भी पत्र लिख कर न्याय की गुहार लगाई है। पत्र में पीड़ित छात्रों ने कहा है कि इस फैसले से वो अवसाद में हैं, ऐसे में उन्हें राहत प्रदान की जाए। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या में संपत नेहरा और रोहित गोदारा जैसे लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गों के नाम सामने आए हैं।
झांसी : ‘जय श्रीराम’ कहने पर मिशनरी विद्यालय ने छात्र-छात्राओं को निकाला, अभिभावकों को बुला कर धमकाया
विद्यालय ने नकारे निष्कासन वाले आरोप, हिन्दू संगठनों का प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश के झांसी के मऊरानीपुर में स्थित एक विद्यालय में जय श्रीराम का नारा लगाना कुछ छात्र-छात्राओं को भारी पड़ गया। विद्यालय ने बच्चों के जय श्रीराम का नारा लगाने पर तालिबानी कार्रवाई करते हुए उन्हें विद्यालय से निष्कासित कर दिया और उनके अभिभावकों को भी विद्यालय बुला कर चेतावनी दी।
जानकारी के अनुसार, झांसी के मऊरानीपुर में स्थित सेंट मैरी नाम के एक ईसाई विद्यालय में हाईविद्यालय के बच्चों को अपनी रुचि के विषय पर निबन्ध लिखने को कहा गया था। इसके पश्चात इन बच्चों से इन्हें पढ़ कर सुनाने को कहा गया।
एक छात्रा समेत तीन छात्रों ने राम मंदिर पर निबंधन लिखा और उसे पढ़ कर सुनाया और निबंधन की समाप्ति पर जय श्रीराम का उद्घोष किया। बच्चों का जय श्रीराम बोला ईसाई विद्यालय को चुभ गया। इस सम्बन्ध में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें छात्रा अपनी आपबीती बता रही है। विद्यालय प्रशासन पर छात्र-छात्राओं से बदतमीजी करने का भी आरोप है।
उसने इन छात्र-छात्राओं को आठ दिन के लिए निष्कासित कर दिया। उसका कहना था की ईसाई विद्यालय में जय श्रीराम का नारा लगना उनके लिए स्वीकार्य नहीं है। इन छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को विद्यालय में बुलाकर चेतावनी दी गई। इस खबर के फैलते ही छात्र संगठनों और हिन्दू संगठनों में रोष व्याप्त हो गया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद समेत अन्य कई हिन्दू संगठन यहाँ पहुँच कर छात्रों के समर्थन में प्रदर्शन करने लगे और विद्यालय पर कार्रवाई की माँग की।
बड़ी सँख्या में छात्र संगठनों के प्रदर्शन करने के लिए पहुँचने पर विद्यालय बैकफुट पर आ गया और मामले में सफाई पेश की। मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आया है कि विद्यालय का दावा है कि किसी भी छात्र-छात्रा को धार्मिक नारे लगाने के लिए निष्कासित नहीं किया गया है। विद्यालय का दावा है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। जिला प्रशासन ने इस मामले में कड़े विरोध प्रदर्शन के बाद एक जाँच समिति का गठन किया है और एक सप्ताह के भीतर सच बाहर लाने की बात कही है।
छात्रों को विद्यालय से निष्कासित करने के मामले में अब प्रधानाध्यापक अनुज केरकेट्टा किसी भी प्रकार के प्रश्नों का जवाब देने से बच रहे हैं। ऑपइंडिया ने उनसे जब सम्पर्क करने का प्रयास किया तो उन्होंने बात करने से मना कर दिया।
हालाँकि, इसी विद्यालय में पढ़ाने वाले एक शिक्षक ने नाम ना बताने की शर्त बताया है कि विद्यालय द्वारा भले ही मामले का खंडन कर दिया गया हो लेकिन बच्चों का निष्कासन जय श्रीराम के नारे लगाने के चलते ही किया गया था। इससे पहले गाजियाबाद से भी ऐसा ही मामला सामने आया था जहाँ छात्रों को जय श्रीराम बोलने से रोका गया था।
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